Saturday, December 22, 2018

विदेश यात्रा के लिए करे उपाय


अक्सर लोगों के मन में इच्छा होती है, कि वह कम से कम एक बार तो विदेश की सैर कर लें। लेकिन कम पैसों के कारण, या किसी और वजह से उनकी विदेश यात्रा का सपना अधूरा रह जाता है।


अधिकतर लोग ऐसे हैं, जो विदेश यात्रा पर जाने का सपना देखते हैं, लेकिन कुछ ही लोगों का ये सपना पूरा हो पाता है। ज्योतिष के मुताबिक कुंडली के कुछ खास योग होते हैं, जिनसे मालूम हो सकता है कि, व्यक्ति कभी विदेश यात्रा कर पाएगा या नहीं।




लेकिन जातक की कुंडली में कुछ ऐसे योग होते हैं, जिनकी मदद से विदेश यात्रा का योग संभव हो पाता है। जातक की जन्मकुंडली में ऐसे कई योग संयोग होते हैं, जिन्हें देखकर पता लगाया जा सकता है, कि उसके जीवन में विदेश यात्रा का अवसर है या नहीं। आइए जानते हैं कैसे -


कुंडली के बारहवें भाव से ये मालूम हो जाता है कि किसी व्यक्ति के जीवन में विदेश यात्रा के योग हैं या नहीं, यदि योग हैं तो व्यक्ति कब विदेश जाएगा।


कुंडली का बारहवां भाव अगर शुभ है, तो व्यक्ति धन कमाने के लिए विदेश यात्रा करता है। बारहवां भाग बलवान होने की वजह से, व्यक्ति आय और व्यय में, उचित तालमेल बनाए रखता है।


यदि कुंडली का बारहवां भाग कमजोर है, तो व्यक्ति आसानी से जॉब प्राप्त नहीं कर पाता है, जॉब मिलती है, तो सफल होने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ती है।


यदि किसी व्यक्ति के लिए अपने परिवार से दूर होने का योग है, तो वह भी बारवें भाग से मालूम हो जाता है।


कुंडली के अष्टम भाग का संबंध बारवें भाग से होता है, तो व्यक्ति विदेश यात्रा करता है।


विदेश यात्रा के लिए कर सकते हैं ये उपाय




नंबर १ पवनपुत्र हनुमान
पवनपुत्र हनुमान जी की महिमा से कौन परिचित नहीं है। इनका बल, इनकी अतुलित शक्तियां, और इन्हें हासिल, अष्ट सिद्धियों के अलावा, श्रीराम जी के प्रति उनका समर्पण भी अद्भुत है। हनुमान जी को चिरंजीवी कहा गया है, जो हर युग, हर काल में मौजूद रहे हैं।


इन्हें जीवित देवता की श्रेणी में रखा गया है, यही वजह है कि कलियुग में दुखों, और कष्टों से पार पाने का एकमात्र, और पूर्ण रूप से कारगर उपाय है, हनुमत अराधना। पवनपुत्र हनुमान जी के संबंध में यह भी माना गया है कि, वे हर समय अपने भक्तों के आसपास रहते हैं, इसलिए उनकी उपासना से ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचा जा सकता है।


वैसे भी मंगल, राहु, शनि जैसे ग्रह हनुमान जी से भयभीत रहते हैं, इसलिए, हनुमत अराधना इन ग्रहों के, बुरे प्रभाव से मुक्ति दिलवाती है। राहु की बात करें तो, यह ऐसा ग्रह है, जो किसी व्यक्ति के जीवन को नर्क से भी बद्तर बना सकता है, और अगर सही स्थिति और सही दशा में हो तो, यह राजयोग, का कारण भी बन सकता है।


नंबर २ कुंडली का बारहवां भाग


लेकिन साथ ही साथ राहु ग्रह, किसी की भी कुंडली में विदेश यात्रा का भी कारक होता है। जिस व्यक्ति की कुंडली का बारहवां भाव सक्रिय होता है, और राहु की दशा भी उस कुंडली में ठीक होती है, तो निश्चय ही उस व्यक्ति को विदेश यात्रा का सुख हासिल होता है।


लेकिन अगर यह सब होने के बावजूद, आपके जीवन में विदेश यात्रा का योग बनता और टलता जा रहा है, किसी भी कारण वश आप विदेश यात्रा पर नहीं जा पा रहे हैं, तो, एक ऐसा उपाय है जो आपकी इस समस्या का निदान कर सकता है।


शुक्ल पक्ष के मंगलवार के दिन एक छोटी शीशी में शहद भरकर दिए गए मंत्र का तीन बार जाप करके इस शीशी को किसी निर्जन या एकांत स्थान में गड्ढा खोदकर डाल दें।


"ओम नमो बजर का कोठा, जिस पर पिंड हमारा पेठा। ईश्वर कुंजी ब्रह्म का ताला, हमारे आठो आमो का जती हनुमंत रखवाला।"


यह हनुमान शाबर मंत्र, इतना शक्तिशाली है कि यह आपकी हर समस्या, आपकी हर परेशानी को दूर करने की क्षमता रखता है।


नंबर ३ सुंदरकांड का नियमित पाठ


इसके अलावा शुक्ल पक्ष के मंगलवार से प्रारंभ करें और आगामी १०८ दिनों तक सुंदरकांड का नियमित पाठ करें, तो आपके ऊपर पड़ रहे ग्रहीय दुष्प्रभाव से आप खुद को बचा सकते हैं। नियमित तौर पर हनुमान चालीसा का पाठ भी आपको दुखों से बचा सकता है।


नंबर ४


संक्रांति के दिन सफेद तिल, और गुड़ को सूर्यास्त के समय, एक मिट्टी के बर्तन में डालकर, उस मिट्टी के बर्तन को पीपल के एक पत्ते से ढककर, उसे आक के पौधे की जड़ में गाढ़ दें। इसके बाद पीछे मुड़कर ना देखें, और घर आते ही स्नान कर लें। स्नान करने के पानी में थोड़ा शुद्व केसर अवश्य डाल लें।


ये उपाय पूरी श्रद्धा के साथ करें, कुछ ही समय में आपकी विदेश यात्रा से संबंधित इच्छा अवश्य पूरी हो जाएगी। लेकिन, इस उपाय को आप तभी करें, या यह उपाय केवल तभी फलित होगा, जब आप इस बात से आशवस्त हों कि, आप पूरी तरह पवित्र हैं।


नंबर ५


रोज सुबह सूर्य को तांबे के लोटे से जल चढ़ाएं। लोटे में लाल मिर्ची के दाने डाल लेना चाहिए। ये उपाय लगातार हर रोज करते रहना चाहिए। सूर्य देव से प्रार्थना करें। सूर्य पूरे ब्रह्मांड में भ्रमण करते हैं। इनकी कृपा से भक्त का विदेश यात्रा का सपना पूरा हो सकता है।


नंबर ६
रोज उड़ते हुए हनुमानजी की पूजा करें। हनुमानजी के इस स्वरूप की पूजा करने से विदेश यात्रा में आ रही परेशानियां दूर हो सकती हैं।



महाकाल का आशीर्वाद आपके साथ है।